माँ बगलामुखी शत्रु विनाशक कवच – शत्रु बाधा, कोर्ट केस व तंत्र से सुरक्षा के लिए
साधना काल में मल-मूत्र विसर्जन की विवशता होने पर पूनः हाथ-पैर और मुख धोकर आरंभ करें।
स्त्रियों को मासिक धर्म के कारण ३ दिन की छूट मिलती है।
आत्म-ज्ञान एवं आत्म-सम्मोहन: अप्सरा साधना के माध्यम से साधक अपनी आत्मा को अधिक समझता है और आत्म-सम्मोहन का अनुभव करता है। यह साधना उसे आत्म-प्रेम और आत्म-साक्षात्कार की दिशा में ले जाती है।
१८ से लेकर ६०-७० वर्ष के बीच के व्यक्ति अप्सरा साधना कर सकते हैं।
will appear when you will keep in mind and follow the instructions of you. Deliver the flower garland in her neck and sweets to try to eat. In reply Apsara will
पूजा और उपासना: साधक को अप्सरा साधना में पूजा और उपासना का भी ध्यान रखना चाहिए। इसके माध्यम से साधक अप्सरा देवियों को प्रसन्न करते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करते हैं।
शिव-उपासना में रुद्राक्ष की माला और यंत्र का प्रयोग करें।
भविष्य जानने का शिव मंत्र – भविष्य जानने की सरल विधि bhavishy jaanane ke lie shiv mantra
रूप और शक्तियां: अप्सराएं अत्यंत सुंदर और मनोहारी होती हैं और उनकी आकर्षण शक्ति अत्यधिक होती है। उन्हें स्वर्गीय नायिकाओं के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। परी भी बहुत सुंदर होती हैं, लेकिन उनका रूप पर्याप्त नहीं होता है और उनकी शक्तियां अप्सराओं के मुकाबले कम होती हैं।
The idea of Apsaras has its apsara sadhna origins in Hindu mythology and is mentioned in many historical texts, including the Rigveda as well as Mahabharata.
आध्यात्मिक जगत में अप्सरा साधना एक प्राचीन और महत्वपूर्ण विषय है। इस लेख में हम इस विषय पर गहराई से जानकारी प्रदान करेंगे, साथ ही इस साधना के महत्व और तकनीकों को समझाएंगे।
[…] हे यह २१ दिन की साधना है और ५१ माला मंत्र जप करना आवश्यक हे साधना स्फटिक की माला […]
अप्सरा साधना एक प्राचीन आध्यात्मिक प्रक्रिया है जिसमें साधक अप्सरा देवियों के संग एकाग्रता और आध्यात्मिक सिद्धि की प्राप्ति के लिए प्रयत्नशील होता है। इस साधना में साधकों को अप्सरा देवियों के माध्यम से सुंदरता, भोग, विवेक, और आनंद के साथ-साथ आत्मविकास और आध्यात्मिक उत्थान की साधना की जाती है। यह साधना आत्मज्ञान, आत्म-विकास, और आत्म-संयम में सहायक होती है और साधक को आत्मिक शक्तियों का अनुभव कराती है।